आईपीएल यानी इंडियन पैसा लूट

May 05 2010


आईपीएल यानी ‘इंडियन पैसा लूट’ में क्रिकेट के अलावा भी बहुत कुछ खेला जाता रहा है, भद्रजन क्रिकेट की भाषा में आप इसे ‘फिक्सिंग’ कह सकते हैं, सो जब अपने लोगों को कोच्चि की फ्रेंचाइजी दिलवाने की ताबड़तोड़ कोशिशों में जुटे शशि थरूर ने पवार कैंप से संपर्क साधा तो उन्हें बताया गया कि चूंकि रिजर्व प्राइस 225 मीलियन डॉलर रहने वाली है सो आप 250 मीलियन डॉलर की ‘बिड’ कर दो, क्योंकि पवार कैंप वीडियोकॉन और अदानी ग्रुप को मदद पहुंचाने की जुगत में लगा था। सबको मालूम था कि वीडियोकॉन में 25 फीसदी ‘स्वेट इक्विटी’ पवार के किस नजदीकी रिश्तेदार की थी, चतुर थरूर ने अपने फ्रेंचाइजी मित्रों से 333 मीलियन डॉलर की ‘बिड’ करवा दी और मामला ले उड़े। तब हैरान-परेशान पवार कैंप ने मोदी पर दवाब बनाया कि वे नीलामी का लिफाफा बदल दे, मोदी बैठक से उठकर चले गए और बाहर निकलकर यह बात उन्हाेंने बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर से बताई। मामला बिगड़ता देख पवार ने रौंदेवू के फ्रेंचाइजी को अपने पास बुलाया और उनसे कहा कि 50 मीलियन मुनाफा ले लो और कोच्चि की टीम छोड़ दो वरना अंजाम भुगतने को तैयार रहो।

 
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